इस देश के एक राज्य में एक ऐसे नेता भी मुख्य मंत्री हुए हैं जिन्हें छात्र जीवन में मानसिक आरोग्यशाला में भर्ती होना पड़ा था।
उनके अभिभावक ने उनके इलाज के लिए वहां भर्ती किया था।
बाद में वे ठीक हो गए और मुख्य मंत्री तक बने।
हालंाकि तब भी कभी- कभी उनकी उलटी-सीधी बातों से यह लग जाता था कि शायद कभी वे ‘बीमार’ रह चुके होंगे।
इसी देश के एक राज्य में एक ऐसे आई.पी.एस.अफसर राज्य के पुलिस प्रमुख बने थे जिन्हें अपने सेवा काल में भी यदाकदा मानसिक आरोग्यशाला जाना पड़ता था।
पर,पुलिस प्रमुख तो बने ही ।
इसलिए उन लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं जिनके दिमाग में हर बार सुलझे हुए विचार नहीं आते।
किसी को बताए बिना देश या विदेश के किसी अच्छे मानसिक आरोग्यशाला में वे अपना इलाज ठीक ढंग से करा लें।
ठीक हो जाएं।
फिर तो वे बड़े से बड़ा पद पर बैठ ही सकते हैं।
---सुरेंद्र किशोर
13 जनवरी 23
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