1996 के 133 करोड़ रुपए के चर्चित यूरिया घोटाले में
पूर्व प्रधान मंत्री पी.नरसिंह राव के अत्यंत करीबी रिश्तेदार बी.संजीव राव और पूर्व केंद्रीय उर्वरक मंत्री राम लखन सिंह यादव के पुत्र प्रकाश चंद्र को तीन -तीन साल की कैद की सजा हुई है।जुर्माना अलग से।
तुर्की के दो नागरिकों पर सौ करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
दिल्ली के तिस हजारी स्थित सी.बी.आई.कोर्ट ने इन दो के अलावा छह अन्य लोगों को भी सजा दी थी।
इस कांड में नरसिंह राव के सबसे छोटे पुत्र प्रभाकर राव भी 1998 में गिरफ्तार हुए थे।
एक तरह से यह एक बैंक घोटाला भी था।क्योंकि बिना किसी बैंक गारंटी के 133 करोड़ रुपए का एडवांस तुर्की के कारसन कंपनी को दे दिया गया था । रिजर्व बैंक और स्टेट बैंक ने गारंटी की शत्र्त को नजरअंदाज कर दिया था।पता नहीं चला कि इन बैंकों के संबंधित अफसरों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुईं।कार्रवाई हुई होती तो बाद के वर्षों में बैंक घोटालों की जो बाढ़ आई ,वह शायद नहीं आती।
पूर्व प्रधान मंत्री पी.नरसिंह राव के अत्यंत करीबी रिश्तेदार बी.संजीव राव और पूर्व केंद्रीय उर्वरक मंत्री राम लखन सिंह यादव के पुत्र प्रकाश चंद्र को तीन -तीन साल की कैद की सजा हुई है।जुर्माना अलग से।
तुर्की के दो नागरिकों पर सौ करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
दिल्ली के तिस हजारी स्थित सी.बी.आई.कोर्ट ने इन दो के अलावा छह अन्य लोगों को भी सजा दी थी।
इस कांड में नरसिंह राव के सबसे छोटे पुत्र प्रभाकर राव भी 1998 में गिरफ्तार हुए थे।
एक तरह से यह एक बैंक घोटाला भी था।क्योंकि बिना किसी बैंक गारंटी के 133 करोड़ रुपए का एडवांस तुर्की के कारसन कंपनी को दे दिया गया था । रिजर्व बैंक और स्टेट बैंक ने गारंटी की शत्र्त को नजरअंदाज कर दिया था।पता नहीं चला कि इन बैंकों के संबंधित अफसरों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुईं।कार्रवाई हुई होती तो बाद के वर्षों में बैंक घोटालों की जो बाढ़ आई ,वह शायद नहीं आती।
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