मुंह में संविधान और हाथ में पिस्तौल !
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कुछ लोग मुंह में भारतीय संविधान और हाथ में पिस्तौल लेकर घूम रहे हैं।
उनके लिए इसी संविधान की कुछ पंक्तियों पेश हैं।
ऐसी स्थिति के लिए संविधान में नागरिक कत्र्तव्य साफ-साफ शब्दों में दर्ज हैं-
‘‘भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कत्र्तव्य होगा कि वह
भारत की प्रभुता,एकता और अखंडता की रक्षा करे।
साथ ही, सार्वजनिक संपत्ति को सरुक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे।’’--अनुच्छेद-51 ए
--सुरेंद्र किशोर
28 फरवरी, 20
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कुछ लोग मुंह में भारतीय संविधान और हाथ में पिस्तौल लेकर घूम रहे हैं।
उनके लिए इसी संविधान की कुछ पंक्तियों पेश हैं।
ऐसी स्थिति के लिए संविधान में नागरिक कत्र्तव्य साफ-साफ शब्दों में दर्ज हैं-
‘‘भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कत्र्तव्य होगा कि वह
भारत की प्रभुता,एकता और अखंडता की रक्षा करे।
साथ ही, सार्वजनिक संपत्ति को सरुक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे।’’--अनुच्छेद-51 ए
--सुरेंद्र किशोर
28 फरवरी, 20
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