गुरुवार, 21 मई 2020

राजीव गांधी के 3 अच्छे कदम

उनके विवादास्पद कामों की चर्चा आज नहीं क्योंकि आज उनकी पुण्यतिथि है


1981 के प्रारंभ में राजीव गांधी लोकसभा के सदस्य बने। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सदन में उनकी सीट हरि जी की सीट के बगल में दिलवा दी। इंदिरा जी चाहती थीं कि बिहार विधानसभा के पूर्व स्पीकर हरिनाथ मिश्र राजीव को संसदीय कार्यवाही का ज्ञान करा दें।

स्वतंत्रता सेनानी, अत्यंत ईमानदार व राष्ट्रहित चिंतक नेता हरि जी कांग्रेस की ‘नगदनारायण राजनीति’ से उन दिनों काफी क्षुब्ध थे। जानकार लोग बताते हैं कि उन्होंने दोनों ज्ञान राजीव को दे दिए। संसदीय ज्ञान के साथ -साथ उन्होंने कतिपय कांग्रेसी नेताओं के भ्रष्टाचार को खत्म करने की जरुरत भी राजीव को बता दी।

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उसके निम्न लिखित नतीजे निकले

1.-देश के तीन कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों को, जिनपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे थे, कांग्रेस महासचिव राजीव गांधी ने उनके पदों से हटवा दिया।

2.-प्रधानमंत्री बनकर राजीव गांधी ने ‘सत्ता के दलालों’ के खिलाफ सार्वजनिक रूप से आवाज उठाई।

3.-साथ ही, 85 पैसे बनाम 15 पैसे का रहस्योद्घाटन भी कर दिया।

प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ओड़िशा के कालहांडी की सभा में कहा कि केंद्र सरकार 100 पैसे दिल्ली से भेजती है, पर लोगों के पास उसमें से सिर्फ 15 पैसे ही पहुंचते हैं।

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नतीजतन राजीव गांधी ‘मिस्टर क्लीन’ कहलाए।

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रामनाथ गोयनका भी राजीव से प्रभावित हो गए। उन्होंने राजीव के बाल सखा सुमन दुबे को इंडियन एक्सप्रेस का संपादक बना दिया।

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पर, वह हनीमून अवधि छोटी ही साबित हुई। बाद में क्या -क्या हुआ,वह सब कहने का अवसर आज नहीं है। किसी और दिन !

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21 मई 2020

   


   

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