सोमवार, 4 मई 2020

मजदूर यदि सिर्फ एक पैर के 
जूते का ही निर्माण
शुरू कर दे तो कारखाना 
प्रबंधन क्या करेगा !
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सत्तर के दशक की बात है।
कर्पूरी ठाकुर मंत्रिमंडल के उद्योग मंत्री ठाकुर प्रसाद 
जापान के दौरे से लौटे थे।
वह वहां के अपने अनुभव यहां सुना रहे थे।
मैं संवाददाता के रूप में मौजूद था।
उन्होंने बताया था कि जापान के मजदूर अपनी 
मांग मनवाने के लिए 
किस तरह की ‘हड़ताल’ करते हैं।
वहां किसी जूते के कारखाने के मजदूरों को 
प्रबंधन से अपनी मांग मनवानी होती है तो वे 
अपना काम बंद नहीं करते।
बल्कि उसके बदले प्रबंधन को परेशानी में डालने वाला 
कदम उठाते हैं।
वे दोनों पैरों के जूते बनाने के बदले सिर्फ एक ही पैर 
के जूते का उत्पादन शुरू कर देते हैं।
प्रबंधन परेशान हो जाता है।एक पैर 
के जूते तो बिकेंगे नहीं !
नतीजतन प्रबंधन मजदूर नेताओं से बातचीत करके 
उनकी वाजिब मांगें मान कर उनसे समझौता करने के 
लिए बाध्य हो जाता है।
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    ---सुरेंद्र किशोर--4 मई 20

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