1962 के चीनी हमले पर बनी जांच समिति
की रपट को भारत सरकार ने क्यों दबा दिया था ?
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1962 के चीन-भारत युद्ध में पराजय के कारणों की जांच का भार भारतीय सेना के दो अफसरों को
सौंपा गया था।
उनके नाम हैं
लेफ्टिनेंट जनरल हंडरसन ब्रूक्स और
ब्रिगेडियर पी.एस..भगत ।
सन् 1963 में ब्रूक्स-भगत रपट आई ।
उसे तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल जे.एन.चैधरी ने अपने कवर लेटर के साथ रक्षा मंत्रालय को भेज दिया था।
केंद्र सरकार ने इसे वर्गीकृत यानी गुप्त सामग्री का दर्जा
देकर दबा दिया।
आखिर उसे क्यों दबा दिया गया ?
क्या उस रपट के प्रकाशन से तत्कालीन भारत सरकार और उसके नेतृत्व की छवि को नुकसान होने वाला था ?
क्या यह बात सही है कि उस रपट के अब भी सार्वजनिक हो जाने पर आज के कुछ नेताओं की बोलती बंद हो जाएगी ?
---सुरेंद्र किशोर - 25 जून, 20
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