बुधवार, 1 जुलाई 2020

    जिस दल के आप समर्थक हैं,उसके पक्ष में 
       सावधानी से करें चुनावी भविष्यवाणी
    .............. सुरेंद्र किशोर ----.
जब चुनाव करीब होता है तो  नतीजांे को लेकर भविष्यवाणियां 
शुरू हो जाती हैं।
  पिछले कई दशकों से देख-पढ़-सुन रहा हूं।
कुछ खास विचार धाराओं व रुझानों से लैस बुद्धिजीवियों और पत्रकारों 
की भविष्यवाणियां अपवादों को छोड़कर
अक्सर गलत ही होती हैं।
  पिछले चुनाव में जाने-अनजाने गलत भविष्यवाणी करने वाले लोग 
अगले चुनावों में भी उसी लाइन पर भविष्यवाणी करते रहते हैं।
अधिकतर श्रोताओं-दर्शकांे-पाठकों की स्मरणशक्ति कमजोर रहती है।
उसका वे लाभ उठा लेते हैं।
  यदि गलत भविष्यवाणी के आरोप से बचना चाहते हैं  तो 
आप ऐसे दलों व नेताओं के चुनावी भविष्य बताने से पहले पूरी सावधानी बरतंे जिनके लिए आपमें हमदर्दी या काफी लगाव है।
इससे यह होगा कि आपकी प्रतिष्ठा बच जाएगी।
वोट के राज में सबको किसी न किसी दल को वोट देना ही है।
ऐसे में हर की अपनी -अपनी पसंद होगी ही।
उसमें कोई बुराई भी नहीं।
पर गलत गलत भविष्यवाणी करने की तो कोई मजबूरी नहीं है !
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 नोट--यह सलाह उनके लिए कत्तई नहीं है जो अपनी गैर जिम्मेदार आदत या किसी अन्य ‘चीज’ के सामने लाचार हैं ।
उनके लिए भी नहीं जो अपनी भविष्यवाणी के जरिए किसी के पक्ष में हवा बनाना चाहते हैं।
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1 जुलाई 20

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