शुक्रवार, 24 जुलाई 2020

    बाबरी पर बदलते बयान !!
    ...............................................
‘‘मैंने स्पष्ट आदेश दिया था कि कारसेवकों पर गोली 
बिलकुल नहीं चलाई जाए।
इसके लिए मैंने पत्रावली पर आदेश दिया था।
और, अपना दस्तखत भी किया था।
इसके लिए कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं हैं।
मैं चुनौती देता हूं कि केंद्र सरकार मुझ पर मुकदमा चलाए।’’
         --कल्याण सिंह
         9 दिसंबर 1992
     -नवभारत टाइम्स,पटना
...............................
‘‘बाबरी ढांचे को गिराए जाने की मैं पूरी जिम्मेदारी लेता हूं।’’
   --कल्याण सिंह 
 --हिन्दुस्तान टाइम्स-
   5 फरवरी 2009
.............................
‘‘मैं बेकसूर हूं।
तब की केंद्र कांग्रेस सरकार ने मुझे फंसा दिया।’’
---कल्याण सिंह
-14 जुलाई 2020
..............................
महात्मा गांधी और आज के नेताओं में यही फर्क है।
कानून तोड़ने पर गांधी सजा के लिए खुद को  प्रस्तुत कर देते थे।
पर आज ??
देख ही रहे हैं।
.......................
इन दिनों इस देश के अनेक नेता
गण देश को लूट कर देस-विदेश में अरबांे रुपए की संपत्ति तो खड़ी कर लेते हैं।
पर, जब उन पर केस होता है तो वे कहते हैं कि उनके खिलाफ मोदी सरकार बदले की भावना से काम कर रही है।
 आप तो उनके जैसे नहीं हैं कल्याण जी !
आपने तो अपनी सोच के अनुसार प्रभु श्रीराम के काम आए हैं।
आप अपने पहले के बयान पर बने रहते तो लोग सोचते कि आप उन घोटालेबाजों से अलग तरह की प्राणी हैं।
........................
-- सुरेंद्र किशोर --23 जुलाई 20

कोई टिप्पणी नहीं: