जाकी रही भावना जैसी,
पुलिस मुंठभेड़ दिखे तिन तैसी !!
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मुंठभेड़ें दो तरह की होती हैं।
एक लतीफ टाइप एनकाउंटर।
दूसरा सोहराबुद्दीन टाइप एनकाउंटर।
यह आप पर निर्भर है कि आप अपनी राजनीतिक व
अन्य तरह की भावना के अनुसार किस एनकाउंटर की आलोचना करते हैं या किस एनकाउंटर पर खुशी से ताली बजाते हैं।
गुजरात के कथित माफिया सरदार लतीफ को पुलिस ने 1997 में एनकाउंटर में मार डाला।
तब गुजरात में कांग्रेस समर्थित राजपा मुख्य मंत्री दिलीप पारीख
की सरकार थी।
तब लतीफ को मार गिराने वाली पुलिस का सार्वजनिक रूप से
अभिनंदन किया गया।
पर जब नरेंद्र मोदी के मुख्य मंत्रित्वकाल में 2005 में पुलिस के साथ मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन मारा गया तो क्या हुआ ?
इसके कारण अन्य लोगों के साथ-साथ गुजरात के राज्य मंत्री को भी जेल भिजवा दिया गया।
हालांकि जानकार लोगों का कहना है कि दोनों मुठभेड़ें एक ही तरह की थीं।
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--सुरेंद्र किशोर--10 जुलाई 20
पुलिस मुंठभेड़ दिखे तिन तैसी !!
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मुंठभेड़ें दो तरह की होती हैं।
एक लतीफ टाइप एनकाउंटर।
दूसरा सोहराबुद्दीन टाइप एनकाउंटर।
यह आप पर निर्भर है कि आप अपनी राजनीतिक व
अन्य तरह की भावना के अनुसार किस एनकाउंटर की आलोचना करते हैं या किस एनकाउंटर पर खुशी से ताली बजाते हैं।
गुजरात के कथित माफिया सरदार लतीफ को पुलिस ने 1997 में एनकाउंटर में मार डाला।
तब गुजरात में कांग्रेस समर्थित राजपा मुख्य मंत्री दिलीप पारीख
की सरकार थी।
तब लतीफ को मार गिराने वाली पुलिस का सार्वजनिक रूप से
अभिनंदन किया गया।
पर जब नरेंद्र मोदी के मुख्य मंत्रित्वकाल में 2005 में पुलिस के साथ मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन मारा गया तो क्या हुआ ?
इसके कारण अन्य लोगों के साथ-साथ गुजरात के राज्य मंत्री को भी जेल भिजवा दिया गया।
हालांकि जानकार लोगों का कहना है कि दोनों मुठभेड़ें एक ही तरह की थीं।
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--सुरेंद्र किशोर--10 जुलाई 20
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