भूमि हड़पने वालों के खिलाफ ‘गुजरात माॅडल’ का सख्त कानून जरूरी--सुरेंद्र किशोर
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मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में साठ प्रतिशत अपराध जमीन से संबंधित विवादों को लेकर ही होते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि जमीन से संबधित विवादों को कम करने की गंभीर कोशिश जारी है।
इस बीच गुजरात सरकार ने हाल में
‘‘द गुजरात लैंड ग्रैबिंग
(प्रोहिविशन) एक्ट, 2020’’ बनाया है।
यह कानून वहां लागू भी हो गया।
दूसरे की जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ इस
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कानून में चैदह साल तक की सजा का प्रावधान है।
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पहले के सारे उपाय विफल हो जाने के बाद ही गुजरात सरकार ने मजबूर होकर ऐसा कड़ा कानून बनाया है।
यह सबक सिखाने वाली सजा होगी।
दूसरे कानून तोड़क भी डरेंगे।
बिहार में तो यह समस्या और भी गंभीर है।
जमीन विवादों के कारण जितने अपराध व मुकदमे होते हैं,
वे तो सामने आ जाते हैं।
किंतु अन्य अनेक मामले सामने नहीं आ पाते।
कानून तोड़कों के भय और आतंक के कारण ऐसा होता है।
अनेक पीड़ित लोग अपने जन-धन को बचाने के लिए चुप रह जाते हैं।
इसलिए बिहार सरकार को चाहिए कि वह खुद पहल करे।
जिस तरह किसी हत्या का मामला शासन का मामला होता है,पुलिस अभियोजन चलाती है।
उसी तरह राज्य सरकार को चाहिए कि वह जमीन हड़प या अतिक्रमण के मामलों को अपना मामला बनाए।
खुद मुकदमा चलाए।
कई लोगों को अपनी जमीन अपनी जान से भी प्यारी होती है।
इसीलिए तो अपनी जमीन बचाने के लिए जान लेने या देने को तैयार रहते हैं।
कमजोर वर्ग के लोगों को मुकदमा लड़ने को कहिएगा तो वे ताकतवर लोगों के सामने टिक नहीं पाएंगे।
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मेरे साप्ताहिक काॅलम ‘कानोंकान’ से
प्रभात खबर, पटना
18 दिसंबर 20
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