शुक्रवार, 11 दिसंबर 2020

 भगवान श्रीराम ने कहा था कि 

‘‘मैं मृत्यु से नहीं डरता,डरता हूं 

तो लोकापमान से।’’

   इसीलिए तो वे मर्यादा पुरुषोत्तम थे !

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आज क्या स्थिति है ? !

ठीक उल्टी।

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त्रेता और कलियुग में फर्क तो होगा ही।

अपवाद तब भी थे।

अपवाद आज भी हैं।

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रावण के साथ रहकर भी विभीषण नहीं बिगड़े।

दशरथ के साथ रहकर भी कैकेयी नहीं सुधरी।

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छात्र जीवन में

शुकसागर पढ़ा था।

उसमें लिखा हुआ है--

कलियुग में राजा ही अपनी प्रजा को लूटेगा ।

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--सुरेंद्र किशोर-5 दिसंबर 20


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