चुनावी टिकट के लिए ‘चंदे’ की दर बढ़ी
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इस देश में एक विधान सभा के टिकट के लिए अनेक उम्मीदवारों को 15 लाख रुपए से लेकर एक करोड़ रुपए तक का चंदा देना पड़ा है।
संसद के लिए टिकट की रेट नहीं मालूम।
हालांकि सारे उम्मीदवारों को यह नहीं देना पड़ता।
यह चंदा, टिकट के उम्मीदवारगण उस पार्टी को देते हैं जहां से उन्हें टिकट मिलना होता है।
ऐसा नहीं है कि सभी दल चंदा लेते ही हैं।
कई तो मुफ्त में ही टिकट दे देते हैं।
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जब टिकट के लिए एक करोड़ रुपए तो चुनाव में
कितना खर्च ??
अनुमान के घोड़े दौड़ाइए।
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इस देश की राजनीति एक दिन ऐसी हो जाएगी,ऐसा अनुमान गांधी जी को रहा होता तो वे दक्षिण अफ्रीका से यहां आते ही नहीं।
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हाल में एक पूर्व मंत्री ने मुझे बताया कि दो-चार लाख रुपए देने होते तो मैंने दे दिया होता।
पर मांग बहुत अधिक थी।
इसलिए मैं टिकट से वंचित हो गया।
मैंने उनसे पूछा था कि आप चुनाव क्यों नहीं लड़े ?
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अब तो कुछ उम्मीदवार छाती ठोक यह भी कहते हैं कि फलां परिवार मुझे वोट कैसे नहीं देगा ??!!
पैसे के घमंड में जी रहा एक उम्मीदवार कहता है कि ‘‘दरअसल हर व्यक्ति की एक कीमत होती है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि वह कीमत आपको मालूम होनी चाहिए।’’
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--सुरेंद्र किशोर--18 दिसंबर 20
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