चैधरी चरण सिंह के जन्म दिन पर
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किसानों की संतान के लिए नौकरियों
में आरक्षण चाहते थे चरण सिंह
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--सुरेंद्र किशोर--
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पूर्व प्रधान मंत्री चैधरी चरण सिंह सरकारी नौकरियों में आरक्षण का आधार जाति बनाने के बदले यह चाहते थे कि किसानों की संतानों के लिए आरक्षण हो।
वह यह भी कहते थे कि गजटेड नौकरियां उन्हें ही दो जो अंतरजातीय शादी करे।
खुद चरण सिंह की दोनों बेटियों ने अंतरजातीय शादी की थी।
किसान तो लगभग हर जाति में हैं।
फिर भी इस देश के अधिकतर
अखबार व कुछ नेता -विश्लेषक चैधरी चरण सिंह को ‘‘जाट नेता’’ लिखते-बताते रहे।
इसको लेकर वे दुःखी रहते थे।
वैसे तो वे जाट बहुल चुनाव क्षेत्र से जीतते थे,
किंतु सवाल यह है कि 1957 से आज तक इस देश के कितने नेता ऐसे चुनाव क्षेत्रों से लड़ते रहे ,जहां उनकी जाति की बहुलता न हो।फिर उन्हें जाति नेता क्यों नहीं कहा गया ?
प्रथम आम चुनाव में जरूर कुछ चुनाव क्षेत्रों के लिए उम्मीदवार तय करते समय जातीय बहुलता का ध्यान नहीं रखा गया था।
किंतु 1957 से उस ‘‘गलती’’ को सुधार लिया गया था।
हां,चैधरी चरण सिंह पर यह आरोप जरूर बनता है कि उन्होंने प्रधान मंत्री बनने के लिए तब तक की सबसे अच्छी मोरारजी देसाई सरकार को गिरवा दिया था।
हांलाकि उस सरकार के गिरने के पीछे कुछ अन्य महत्वपूर्ण कारण भी थे।
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--सुरेंद्र किशोर-23 दिसंबर 20
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