गुरुवार, 24 दिसंबर 2020

    इस देश के कुछ नेताओं (कुछ ही नेताओं,सब नहीं)

के चाल,चरित्र,चिंतन व निजी संपत्ति के विस्तार के बारे में 

देख-सुन-जान-गुण कर ऐसा लगता है कि यदि 1947 में आजादी नहीं हुई होती तो ऐसी मनोवृत्ति वाले  नेतागण ‘गब्बर सिंह’ की तरह चंबल के बीहड़ों में अपने -अपने छोटे -बड़े गिरोह चला रहे होते।

   सिर्फ राजनीति ही नहीं, कुछ अन्य पेशों के लुटेरों का भी कमोवेश यही हाल है।

              --- एक अज्ञात 


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