शनिवार, 26 दिसंबर 2020

 


   मैं पटना नगर निगम क्षेत्र में नहीं बस सका।

पर, उसका अफसोस अब हमारे परिजन व वंशज को नहीं रहेगा।

अब नगर निगम कौन कहे,प्रस्तावित पटना महानगर पालिका उस गांव को भी अपनी गोद में समेट रही है जहां मैंने अपना मकान बनवाया और करीब छह साल से रह रहा हूं।

 ऐसा कभी सोचा तक नहीं था।

बिहार के पटना जिले के फुलवारी शरीफ अंचल में भुसौला दाना पुर ग्राम पंचायत के कोरजी गांव में हमने कुछ दशक पहले 20 हजार रुपए कट्ठा

 की दर से जमीन खरीदी थी।

पटना एम्स इसी पंचायत में अवस्थित है।

  पक्की सड़क पर होने के कारण अब इसका बाजार भाव करीब 35-40 लाख रुपए कट्ठा हो गया है।

ताजा सूचना यह है कि जिस सड़क पर बसा हूं,वह सड़क संभवतः नेशनल हाईवे में परिणत होने वाली है।

 एन.एच.-98 से शुरू होकर सरारी रेलवे क्राॅसिंग पार करके  प्रस्तावित एन.एच.,दानापुर से गुजरेगी और प्रस्तावित शेर पुर-दिघवारा गंगा पुल (प्रस्तावित पटना रिंग रोड का हिस्सा)से मिल जाएगी।

  वैसे इसकी अभी चर्चा भर है।

कोई व्यक्ति यदि इस अपुष्ट सूचना की पुष्टि कर दे तो इस इलाके के लोगों को भारी संतोष होगा।

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पुनश्चः-

उम्मीद है कि पटना महा नगरपालिका बने तो वह ग्रामीण इलाकों का भी टिकाऊ विकास करे न कि सिर्फ टैक्स बढ़ा दे।

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--सुरेंद्र किशोर--26 दिसंबर 20 


  


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