आपातकाल की ताप !
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चंद्रशेखर की जेल डायरी से
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पटियाला जेल
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10 मई 1976
‘‘..........आज बी.बी.सी.ने सूचना दी कि दिल्ली में
पांच हजार से अधिक टेलीफोन टेप होते हैं
जिनमें केंद्रीय मंत्रियों और कांग्रेस के संसद सदस्यों के भी नंबर हैं।
एक वरिष्ठ कांग्रेस सदस्य का हवाला देते हुए कहा गया कि दिल्ली में किसी को कुछ पता नहीं कि श्रीमती गांधी (प्रधान मंत्री) क्या करने वाली हैं।
उनके मंत्रिमंडल के सदस्य भी पूरी तरह अनभिज्ञ रहते हैं।
उन्हें भी निर्णय हो जाने के बाद सूचना
मिलती है।.........।’’
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पूर्व प्रधान मंत्री चंद्रशेखर की डायरी (दोनों भाग)
मुझे हाल में ही मिल सकी है।
पढ़ने लायक है।
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डायरी पढ़कर चंद्रशेखर के प्रति मेरी पुरानी धारणा में थोड़ा परिवत्र्तन हुआ है।
मैं उन्हें पहले कुछ दूसरे ही रूप में देखता था।
इस डायरी ने मुझ पर उनके संवदनशील व्यक्तित्व की छाप छोड़ी है।
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डायरी को राजकमल प्रकाशन ने छापा है।
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24 नवंबर 20
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