शुक्रवार, 4 दिसंबर 2020

 डा.राजेंद्र प्रसाद जयंती

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गांधीवादी किसी पद का उम्मीदवार नहीं होता

--डा.राजेंद्र प्रसाद

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प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने डा.राजेंद्र प्रसाद से पूछा कि 

‘‘क्या आप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं ?’’

राजेंद्र बाबू ने कहा कि 

‘‘मैं तो किसी पद का उम्मीदवार 

नहीं हूं।

गांधीवादी किसी पद का उम्मीदवार नहीं होता।’’

उस पर नेहरू जी ने कहा कि 

‘‘तो फिर वही बात लिख कर मुझे दे दीजिए।’’

राजेन बाबू ने लिख कर दे दिया।

  उसके बाद राजेन बाबू के समर्थकों-प्रशंसकों में निराशा फैल गई।

 बाद में सरदार पटेल, महावीर त्यागी तथा कुछ अन्य महारथियों ने स्थिति संभाली।

अंततः राजेन बाबू राष्ट्रपति बने।

याद रहे कि नेहरू जी सी.राजगोपालाचारी को राष्ट्रपति बनाना चाहते थे।

 दूसरी ओर अनेक कांग्रेसी राजाजी को नहीं चाहते थे।

क्योंकि राजगोपालाचारी ने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया था।

 समस्या यह भी थी कि तीनों शीर्ष महत्वपूर्ण पदों पर एक ही जाति के नेताओं को क्यों बैठाया जाना चाहिए ?

याद रहे कि डा.एस.राधाकृष्णन उप राष्ट्रपति बनने वाले थे। 

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--सुरेंद्र किशोर-3 दिसंबर 20 


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