सोमवार, 24 मई 2021

  अब तक जो नहीं हुआ,

वह सब भी हो रहा है अब !

.......................................

1.-केरल के माकपाई मुख्य मंत्री ने अपने दामाद को इस बार अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया है।

..........................................................

2.-‘पार्टी विथ अ डिफरेंस’ यानी भाजपा कर्नाटका में क्या गुल खिलाएगी ?

या अपनी राज्य शाखा को  खिलाने देगी ?

क्या वंशवाद विरोधी भाजपा का हाईकमान उसे ऐसा करने देगा ?

कर्नाटका के मुख्य मंत्री के पुत्र बी.वाई.विजयेंद्र गत साल राज्य भाजपा के उपाध्यक्ष बने।

ताजा खबर है कि अब उनकी नजर अपने पिता की 

कुर्सी पर है।

..........................................

3.-आंध्र प्रदेश के मुख्य मंत्री के पिता भी मुख्य मंत्री ही थे।

..............................................

4.-तेलांगना के मुख्य मंत्री ने हाल में कहा था कि अपने पुत्र को मैं मुख्य मंत्री पद उसके जन्म दिन पर उपहार के रूप में दे दूंगा।

......................................................

5.-तमिलनाडु की कहानी तो पुरानी है।

उसे भला क्या दुहराना ! 

..............................................

इस तरह शेष भारत की भीषण व जानलेवा बीमारी यानी घोर वंशवाद-परिवारवाद ने अब पूरे दक्षिण भारत की राजनीति को

भी अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है।

................................................

अपवादों को छोड़कर देश लोकतंत्र

से ‘‘लोकतांत्रिक राजतंत्र’’ की ओर बढ़ रहा है।

 आजादी के 75 साल पूरा होने से पहले ही यह हाल है।

सौ साल होते-होते पता नहीं क्या -क्या होने लगेगा ?

..............................................

--सुरेंद्र किशोर

23 मई 21 

 


कोई टिप्पणी नहीं: