गुरुवार, 13 मई 2021

 प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह तो रुपए पेड़ों पर नहीं उगा पाए !

पर, लगता है कि अब सोनिया जी यह चाहती हंै कि यह काम मौजूदा प्रधान मंत्री मोदी जी करके दिखाएं !!!

टैक्स वगैरह वसूलने की भला क्या जरूरत है ? !!

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  --सुरेंद्र किशोर--

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21 सितंबर, 2012 को तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि 

‘‘पैसे पेड़ों पर नहीं उगते।’’

वे डीजल आदि की मृल्य वृद्धि के अपने सरकारी निर्णय का बचाव कर रहे थे।

  अब जब कांग्रेस प्रतिपक्ष में है तो सोनिया गांधी कह रही  हैं कि कोविड के इलाज से संबंधित दवाओं व उपकरणों को जी.एस.टी.से मुक्त कर दिया जाए।

गत साल कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल की मूल्य वृद्धि के खिलाफ आंदोलन तक किया था।

  क्या सोनिया गांधी प्रकारांतर से नरेंद्र मोदी से कह रही हैं कि हमारे मनमोहन सिंह जो काम नहीं कर पाए, यानी पेड़ों पर रुपए नहीं उगा पाए, 

वह काम आप करिए ???

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दरअसल प्रतिपक्ष में रहने पर एक मापदंड और सत्ता में आ जाने पर ठीक विपरीत !

अपने देश की राजनीति की मुख्य पहचानों में यह एक है।

इसके उदाहरण अनेक हैं।

नमूना पेश है।

भाजपा जब प्रतिपक्ष में थी तो वह कहती थी कि संसद में हंगामा करना भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का ही हिस्सा है।

पर,अब जब प्रतिपक्ष ने संसद को ‘हंगामा सभा’ में बदल दिया है तो भाजपा प्रतिपक्ष के रवैए की निंदा करती है।

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--सुरेंद्र किशोर

  11 मई 21


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