मंगलवार, 4 मई 2021

      

कई साल पहले मैं हड्डी विशेषज्ञ डा.एच.एन.दिवाकर 

से मिला था।

उन्होंने मुझे अनुलोम-विलोम भी करने की सलाह दी थी।

उन्होंने बताया था कि उससे स्वांस की नलियों को ताकत मिलेगी जो गर्दन की ह्डी को थामे रहती हंै।

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  अब कोरोना काल में डा.नरेश त्रेहन को यह कहते हुए सुना कि अनुलोम -विलोम करना चाहिए।

उनके अनुसार, उससे फेफड़ों को ताकत मिलेगी।

उससे फेफड़े कोरोना का मुकाबला कर पाएंगे।

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खुद मेरा विश्वास सर्वधारा चिकित्सा पद्धति में है जिसके लिए दिवंगत डा.श्रीनिवास जाने जाते थे।

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मेरी राय में 

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आयुर्वेद पद्धति--लोअर कोर्ट है,

होमियोपैथ--हाईकोर्ट है,

एलोपैथ--सुप्रीम कोर्ट है।

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योग व एक्युप्रेसर को भी आप लोअर कोर्ट ही मान सकते हैं।

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आजकल तो लोग कानूनी मदद के लिए सीधे सुप्रीम कोर्ट चले जाते हैं।

किंतु सामान्यतः इलाज के लिए पहले लोअर कोर्ट,फिर हाईकोर्ट व अंत में 

सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए।

वैसे अपवादों की बात और है।

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--सुरेंद्र किशोर

26 अप्रैल 21  


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