कई साल पहले मैं हड्डी विशेषज्ञ डा.एच.एन.दिवाकर
से मिला था।
उन्होंने मुझे अनुलोम-विलोम भी करने की सलाह दी थी।
उन्होंने बताया था कि उससे स्वांस की नलियों को ताकत मिलेगी जो गर्दन की ह्डी को थामे रहती हंै।
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अब कोरोना काल में डा.नरेश त्रेहन को यह कहते हुए सुना कि अनुलोम -विलोम करना चाहिए।
उनके अनुसार, उससे फेफड़ों को ताकत मिलेगी।
उससे फेफड़े कोरोना का मुकाबला कर पाएंगे।
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खुद मेरा विश्वास सर्वधारा चिकित्सा पद्धति में है जिसके लिए दिवंगत डा.श्रीनिवास जाने जाते थे।
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मेरी राय में
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आयुर्वेद पद्धति--लोअर कोर्ट है,
होमियोपैथ--हाईकोर्ट है,
एलोपैथ--सुप्रीम कोर्ट है।
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योग व एक्युप्रेसर को भी आप लोअर कोर्ट ही मान सकते हैं।
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आजकल तो लोग कानूनी मदद के लिए सीधे सुप्रीम कोर्ट चले जाते हैं।
किंतु सामान्यतः इलाज के लिए पहले लोअर कोर्ट,फिर हाईकोर्ट व अंत में
सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए।
वैसे अपवादों की बात और है।
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--सुरेंद्र किशोर
26 अप्रैल 21
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