जब किसी मरीज के शरीर पर अन्य कोई एंटी बायोटिक असर नहीं करता है तो डाॅक्टर उसे कोलिस्टीन नामक सुपर एंटी बायोटिक देते हैं।
इसे लास्ट होप की संज्ञा दी गयी है।
यह एंटी बायोटिक अब देश के अनेक मुर्गा फार्म में भी इस्तेमाल हो रहा है।मुर्गों को दिया जा रहा है।
इससे मुर्गों की मौत में कमी आयी है।साथ ही वे जल्द वजनदार भी हो जाते हैं।
पर ऐसे मुर्गों को खाने वाले मनुष्य के शरीर पर इसका क्या असर पड़ता है ?
विशेष जानकारी तो विशेषज्ञ चिकित्सक ही देंगे, पर मोटा- मोटी जानकारी यह है कि इस तरह का मुर्गा खाने वाले जब खुद बीमार पड़ेंगे और यदि उन्हें एंटी बायोटिक देने की जरूरत पड़ेगी तो उनके शरीर पर कोई एंटी बायोटिक दवा शायद काम नहीं करेगी।
हमारे डाक्टर मित्र जरूर इस पर टिप्पणी करें कि क्या ऐसा मुर्गा खाना सचमुच नुकसानदेह है ?
यदि नहीं तो आप जरूर खाएं ।निश्चिंत होकर खाएं।आज छुट्टी के दिन कुछ अधिक ही खाएं।यदि नुकसान देह है तो मुर्गा के बदले मूंगफली खाएं जिसमें अधिक प्रोटीन है।
प्रति 100 ग्राम मूंगफली में 25 ग्राम प्रोटीन है तो 100 ग्राम चिकेन में 20 ग्राम ही प्रोटीन है।
इसे लास्ट होप की संज्ञा दी गयी है।
यह एंटी बायोटिक अब देश के अनेक मुर्गा फार्म में भी इस्तेमाल हो रहा है।मुर्गों को दिया जा रहा है।
इससे मुर्गों की मौत में कमी आयी है।साथ ही वे जल्द वजनदार भी हो जाते हैं।
पर ऐसे मुर्गों को खाने वाले मनुष्य के शरीर पर इसका क्या असर पड़ता है ?
विशेष जानकारी तो विशेषज्ञ चिकित्सक ही देंगे, पर मोटा- मोटी जानकारी यह है कि इस तरह का मुर्गा खाने वाले जब खुद बीमार पड़ेंगे और यदि उन्हें एंटी बायोटिक देने की जरूरत पड़ेगी तो उनके शरीर पर कोई एंटी बायोटिक दवा शायद काम नहीं करेगी।
हमारे डाक्टर मित्र जरूर इस पर टिप्पणी करें कि क्या ऐसा मुर्गा खाना सचमुच नुकसानदेह है ?
यदि नहीं तो आप जरूर खाएं ।निश्चिंत होकर खाएं।आज छुट्टी के दिन कुछ अधिक ही खाएं।यदि नुकसान देह है तो मुर्गा के बदले मूंगफली खाएं जिसमें अधिक प्रोटीन है।
प्रति 100 ग्राम मूंगफली में 25 ग्राम प्रोटीन है तो 100 ग्राम चिकेन में 20 ग्राम ही प्रोटीन है।
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