रविवार, 11 फ़रवरी 2018

    15 अगस्त, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से कहा था कि ‘आज किसी के पास कोई काम लेकर जाओ तो वह पूछता है कि ‘इसमें मेरा क्या ?’ जब उसे पता चलता है कि उसे कुछ नहीं मिलने वाला है तो वह कहता है कि ‘तो फिर मुझे क्या ?’ दरअसल वे केंद्र सरकार के काम काज की एक झलक दे रहे थे।ठीक ही कह रहे थे।
  अगले पंद्रह अगस्त को प्रधान मंत्री पांचवी बार लाल किले से झंडा फहराएंगे।
प्रधान मंत्री को इस बार देश को यह बताना चाहिए कि इस मामले में उनकी सरकार की अब क्या स्थिति है ? उन्होंने इस बीच ‘तो फिर मुझे क्या ’ कहने वालों में से कितने लोगों को अब तक जेल भिजवाया है ?
या फिर अगले अगस्त तक ऐसे कितने लोग जेल जाने वाले हैं ? या कम से कम ऐसे कितने सरकारी सेवक अब तक बर्खास्त हुए ?
इस बीच उन्हें इस संबंध में आंकड़ा जुटा लेना चाहिए। कार्रवाई में कोई कमी रह गयी हो तो उसे पूरा कर लेना चाहिए। अन्यथा..........।प्रतिपक्षी दलों को छोड़ दीजिए तो खुद मोदी जी की मंशा पर शक करने वाले लोगों की संख्या  कम ही देखी जा रही है।

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