गुरुवार, 1 फ़रवरी 2018

------संवैधानिक कत्र्तव्य---

   
 अनेक लोग समय -समय पर शासन से यह मांग करते रहते हैं कि उन्हें उनके संवैधानिक अधिकार मिलने ही चाहिए।
ऐसी  मांग सही भी है।
पर, कितने लोगों को यह पता है कि भारत के संविधान में अधिकारों के साथ- साथ नागरिकों के लिए कुछ कत्र्तव्यों का भी प्रावधान  मौजूद  है ? आज उनका कितना पालन हो रहा है ?
गणतंत्र दिवस के अवसर पर  उन मूल कत्र्तव्यों का विवरण यहां दिया जा रहा है।
वैसे भी इन्हें पढ़कर हम इस नतीजे पर आसानी से पहुंच सकते हैं कि इन प्रावधानों का कितना पालन हो रहा है !
यदि पालन नहीं हो रहा है कि इसके लिए क्या करना चाहिए ? इस पर कौन सोचेगा ?
संविधान के अनुच्छेद - 51 में दस मूल कत्र्तव्यों का विवरण  इस प्रकार है-  
1-भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कत्र्तव्य होगा कि वह संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र गान का आदर करंे। 
2-स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों  को हृदय में संजोय रखे और उसका पालन करें।
3-भारत की प्रभुता , एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखें।
4-देश की रक्षा करंे और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करंे।
5-भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भातृत्व की भावना का निर्माण करंे जो धर्म ,भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हांे, ऐसी प्रथाओं का त्याग करें जो स्त्रियों के सम्मान के खिलाफ  हैं।
6-हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझें और उसका संरक्षण करंे।
7-प्राकृतिक पर्यावरण को जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करंे और उसका संवर्धन करंे तथा प्राणि मात्र के प्रति दया भाव रखें।
8-वैज्ञानिक दृष्टिकोण ,मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करंे।
9-सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखंे और हिंसा से दूर रहें।
10-व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करंे जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊंचाइयों को छू ले।
    

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