गुरुवार, 24 मई 2018

 डा.आम्बेडकर, इस्लामी फतवे और ईसाई मिशनरीज पर चर्चित पुस्तकें लिखने वाले अरूण शौरी को भाजपा ने केंद्र में मंत्री नहीं बनाया।जबकि, शौरी एक तेज -तर्राट और ईमानदार नेता हैं।केंद्र में मंत्री रह भी चुके हैं।
पर, दूसरी ओर  कांग्रेस ने पूर्व मुख्य मंत्री दिग्विजय सिंह को हाल में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की समन्वय समिति का प्रमुख बना दिया।
26 नवंबर, 2008 को मुम्बई पर हुए आतंकी हमले पर अजीज बर्नी ने पुस्तक लिखी है।उसका नाम है ‘26 .-11 आर.एस.एस.की साजिश।’  
2010 में  उसका लोकार्पण कांग्रेस महा सचिव दिग्विजय सिंह ने किया था।
  दिग्विजय सिंह पुस्तक में वर्णित विवरण से सहमत भी रहे हैं।पुस्तक के नाम से ही यह स्पष्ट है कि उसमें क्या लिखा गया है।दूसरी ओर, हाल में पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ ने  अंग्रेजी दैनिक  ‘डाॅन’ के साथ बातचीत में कहा कि ‘हमारे यहां हथियारबंद गुट मौजूद है।आप उन्हें नन -स्टेट एक्टर कह सकते हैं।क्या ऐसे गुटों को बाॅर्डर क्रास करने देना चाहिए कि वे मुम्बई जाकर डेढ़ लोगों को मार दें ? कोई समझाएं मुुुझे।हम इसी कोशिश में थे।हम दुनिया से कट कर रह गए हैं।हमारी बात नहीं सुनी जाती।’  
पूर्व केंद्रीय मंत्री ए.के.एंटोनी ने गत  लोक सभा चुनाव में कांग्रेस की शर्मनाक हार का कारण बताते हुए जून, 2014 में कहा था कि ‘कांग्रेस की  धर्म निरपेक्ष होने की जो साख थी,उसमें अब लोगांे का विश्वास नहीं है।कांग्रेस मुस्लिम पक्षी नजर आ रही है।’
दिग्विजय सिंह को बड़ा पद देकर कांग्रेस हाई कमान ने एंटोनी की सलाह को अंततः ठुकरा दिया है।संभवतः कांग्रेस को यह लगता है कि राजग की केंद्र सरकार को अगले चुनाव में हरा देने के लिए गैर राजग दलों का गंठजोड़ ही पर्याप्त है।अन्य किसी तरह के सुधार की कोई जरूरत नहीं है।
क्या कांग्रेस का यह आकलन सही है ? 

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