अविभाजित बिहार के अपने जेल -जीवन पर मेरी टेलर ने एक चर्चित पुस्तक लिखी थी।मैंने वह पुस्तक सत्तर के दशक में पढ़ी थी। एक भारतीय नक्सली अमलेंदु की ब्रिटिश पत्नी मेरी ने दक्षिण बिहार के कुछ जेलों में एक सामान्य विचाराधीन कैदी के रूप में कई साल बिताए थे। उसमें जेल जीवन का नारकीय किंतु सजीव चित्र पेश किया गया । पुस्तक पठनीय है। जेल प्रबंध की पोल खोलने वाली।
जाहिर है कि उस पुस्तक के आने के बाद भी जेलों में कोई सुधार नहीं हुआ। लगता है कि सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने हाल में छपी अपनी पुस्तक में जेल की आंतरिक व्यवस्था को लेकर कुछ वैसा ही दृश्य पेश किया है। पप्पू यादव की पुस्तक का 9 मई को लोकार्पण होगा।
सिटीलाइव वेबसाइट पर उस पुस्तक के बारे में अभी -अभी मैंने जो कुछ देखा-सुना, उससे यह लगा कि पप्पू यादव ने बड़ी हिम्मत के साथ बिहार के उन बाहुबलियों व दबंगों की करतूतों का विवरण पेश किया है जो जेल के नियम -कानून को अपनी जेबों में रखते हैं और जेल में जंगल राज चलाते हैं।
याद रहे कि विधायक अजित सरकार हत्याकांड के सिलसिले में पप्पू यादव लंबे समय तक पटना के बेउर तथा अन्य जेलों में रहे।
जाहिर है कि उस पुस्तक के आने के बाद भी जेलों में कोई सुधार नहीं हुआ। लगता है कि सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने हाल में छपी अपनी पुस्तक में जेल की आंतरिक व्यवस्था को लेकर कुछ वैसा ही दृश्य पेश किया है। पप्पू यादव की पुस्तक का 9 मई को लोकार्पण होगा।
सिटीलाइव वेबसाइट पर उस पुस्तक के बारे में अभी -अभी मैंने जो कुछ देखा-सुना, उससे यह लगा कि पप्पू यादव ने बड़ी हिम्मत के साथ बिहार के उन बाहुबलियों व दबंगों की करतूतों का विवरण पेश किया है जो जेल के नियम -कानून को अपनी जेबों में रखते हैं और जेल में जंगल राज चलाते हैं।
याद रहे कि विधायक अजित सरकार हत्याकांड के सिलसिले में पप्पू यादव लंबे समय तक पटना के बेउर तथा अन्य जेलों में रहे।
5 मई 2018
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