शनिवार, 5 मई 2018

 मेरी राय है कि हिमाचल प्रदेश की दिवंगत सरकारी अफसर  शैल बाला शर्मा की सार्वजनिक स्थान में मूत्र्ति लगायी जानी चाहिए।हमने इस देश में न जाने कितने कानून तोड़कों की मूत्र्तियां लगा रखी हैंं।क्योंकि वे राजनीति में थे।हालांकि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि जिनकी भी मूत्र्तियां लगी हैं,वे सब के सब कानून तोड़क ही थे । 
एक कानून पालक अफसर की भी तो मूत्र्ति लग जाए।
हिमाचल प्रदेश के कसौली में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने की कोशिश करते समय एक कानून तोड़क ने हाल में शैल बाला की गोली मार कर हत्या कर दी।
शैल बाला सहायक टाउन प्लानर के पद पर तैनात थीं।
सुप्रीम कोर्ट ने होटल मालिक द्वारा किए गए अवैध निर्माण को हटाने का आदेश दिया था।शर्मा उस आदेश के पालन की कोशिश कर रही थीं।
  इस देश में अवैध निर्माण को आम तौर पर देर-सवेर नियमित कर दिया जाता है।दिल्ली में यह खूब होता है।
लगभग पूरे देश में अवैध निर्माण व अतिक्रमण को घूस लेकर संबंधित सरकारी कर्मी नजरअंदाज करते रहते हैं।
कसौली के हत्यारा होटल मालिक विजय सिंह ठाकुर ने भी यही समझा था कि रिश्वत के बल पर वह अपने अवैध निर्माण को आज या कल  नियमित करवा ही लेगा।
पर जब शैल बाला ने उससे रिश्वत लेने से इनकार कर दिया तो उसे गोली खानी पड़ी।
  इस देश की कुछ सबसे बड़ी समस्याओं में एक समस्या यह भी है कि यहां कानून के शासन का ताकतवर लोग खुलेआम मजाक उड़ाते रहते हैं।
अवैध निर्माणों को किसी भी हालत में कहीं भी नियमित नहीं किया जाएगा,इस आशय का एक अत्यंत कड़ा कानून बनना चाहिए।मेरी राय है कि उस कानून का नाम शैल बाला के नाम पर रखा जाना चाहिए।
    

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