उनकी पुण्य तिथि के अवसर पर मैंने जवाहर लाल नेहरू
के सकारात्मक पक्षों को चित्रित करते हुए कल अपनी दो सामग्री अपने फेसबुक वाॅल पर डाली।
इससे पहले भी उन पर लिखता रहा हूं।
इस बार दोनों लेखों पर कुल मिलाकर सिर्फ 102 लाइक,शेयर व टिप्पणियां मिलीं।
अभी मेरे 4999 फेसबुक फे्रंड हैं।1335 लोग फाॅलो करते हैं।ऐसे भी लोग हैं जो फ्रंेड तो नहीं हैं,फिर भी मेरे फेस बुक वाॅल पर लिखते रहते हैं।खास कर मेरी आलोचनाएं।
पर नेहरू जी पर इतनी कम प्रतिक्रियाएं क्यों ? यदि आप पसंद करते हैं तो लाइक कीजिए।नापसंद करते हैं तो उनकी आलोचना लीखिए।
पर उपेक्षा क्यों ? मेरे इससे पहले के लेखों के साथ भी यही हुआ।
मेरी समझ में यह बात नहीं आती।आपको समझ आ रही हो तो जरूर बताएं।
ऐसा नहीं है कि नयी पीढ़ी ने उनका नाम नहीं सुना है।उनके नाम पर ऐसे भी देश भर में सैकड़ों स्मारक व संस्थान हैं।
के सकारात्मक पक्षों को चित्रित करते हुए कल अपनी दो सामग्री अपने फेसबुक वाॅल पर डाली।
इससे पहले भी उन पर लिखता रहा हूं।
इस बार दोनों लेखों पर कुल मिलाकर सिर्फ 102 लाइक,शेयर व टिप्पणियां मिलीं।
अभी मेरे 4999 फेसबुक फे्रंड हैं।1335 लोग फाॅलो करते हैं।ऐसे भी लोग हैं जो फ्रंेड तो नहीं हैं,फिर भी मेरे फेस बुक वाॅल पर लिखते रहते हैं।खास कर मेरी आलोचनाएं।
पर नेहरू जी पर इतनी कम प्रतिक्रियाएं क्यों ? यदि आप पसंद करते हैं तो लाइक कीजिए।नापसंद करते हैं तो उनकी आलोचना लीखिए।
पर उपेक्षा क्यों ? मेरे इससे पहले के लेखों के साथ भी यही हुआ।
मेरी समझ में यह बात नहीं आती।आपको समझ आ रही हो तो जरूर बताएं।
ऐसा नहीं है कि नयी पीढ़ी ने उनका नाम नहीं सुना है।उनके नाम पर ऐसे भी देश भर में सैकड़ों स्मारक व संस्थान हैं।
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