शनिवार, 19 मई 2018

यह नोटबंदी के दौर की बात है। यानी 2016 का अंतिम महीना।
तब आयकर महकमे ने यह कहा था कि उसने बिहार -झारखंड के 1784 संदिग्ध खातों की जांच शुरू कर दी है।
ये वैसे खाते हैं जिनमें नोटबंदी के तत्काल बाद एक करोड़ रुपए से अधिक की राशियां जमा की गयी हैं।
उन्हीें दिनों यह भी खबर आई थी  कि मुजफ्फर पुर के एक चपरासी के नाम फर्जी खाते खोल कर 13 करोड़ रुपए का लेनदेन किया गया था।
अब सवाल है कि आयकर जांच का क्या नतीजा निकला ?
यह पता नहीं चल सका है।क्या आयकर महकमा सभी 1784 खातों का पूरा विवरण पेश करेगा ? क्या उन खातेदारों के नाम बताएगा जिन लोगों ने तब अपने काले धन जमा किए थे ?
  

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