शुक्रवार, 18 मई 2018

  महाराष्ट्र सरकार ने इस साल जनवरी में ही उन लोगों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दे दिया  जो लोग इमरजेंसी में जेलों में थे।वे इंदिरा सरकार से राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे थे।
साथ ही, वहां  उन्हें हर माह दस हजार रुपए पेंशन देने का निर्णय किया गया।साल में एक बार 10 हजार रुपए  मेडिकल भत्ता  देने का भी निर्णय हुआ।
बिहार सहित कुछ  राज्य सरकारों ने भी पेंशन का प्रावधान किया है।
 इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार पर गत दिसंबर में ही एक प्रमुख भाजपा नेता ने कहा था कि जहां भी भाजपा सरकार में है,वहां पेंशन का प्रावधान किया जाएगा।पता नहीं उसका क्या हुआ ?
इधर बिहार के जेपी सेनानियों ने उनके लिए भी कुछ करने की राज्य सरकार से मांग की है जो भूमिगत थे।
आजादी की लड़ाई के सेनानियों और उनके परिजन को केंद्र सरकार पेंशन देती है।यह भी मांग उठ रही है कि केंद्र सरकार अलग से जेपी सेनानियों व इमरजेंसी के भुक्तभोगियों को पेंशन दे।
इससे 1975 -77 में लोकतंत्र के लिए लड़ने वालों की याद भी बनी रहेगी।


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