1.-सारधा-रोज वैली चिट फंड घोटाला
2.-घोटाले की रकम लगभग 80 हजार करोड़ रुपए
3.-अल्प आय वाले लाखों लोगों को अधिक मुनाफे
का लोभ देकर ये पैसे वसूले गए थे।
4.-पैसे वापस नहीं मिलने के कारण करीब 200 पीडि़तों ने आत्म हत्या कर ली
5.-घोटाले के पैसों की बंदरबाट नेताओं, अफसरों तथा अन्य प्रभावशाली लोगों के बीच हुई
6.-सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सी.बी.आई.जांच की आंच तेज होने पर देश के दर्जनों राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं द्वारा घोटालेबाजों के बचाव में शर्मनाक हरकतंे
7.-जब किसी देश की राजनीति में इतनी गिरावट व बेशर्मी आ जाती है तो किसी तानाशाह के पैदा हो जाने की आशंका बढ़ जाती है।
8.- पता नहीं लोकतांत्रिक मिजाज वाले इस देश की तकदीर में क्या लिखा हुआ है !
9.-पता नहीं हमारे तथाकथित नेतागण इस देश को कहां ले जाएंगे ! हालांकि नेताओं में अपवाद भी हैं।पर वे भ्रष्टों व देशद्रोहियों के सामने कमजोर पड़ते नजर आ रहे हैं।
10-ऐसे में उन लोगों पर देश को बचाने की अधिक जिम्मेदारी आन पड़ी है जो अपार निजी स्वार्थ, घनघोर जातिवाद व घृणित संप्रदायवाद से ऊपर होकर सोचते हैं।
अगला चुनाव एक अच्छा अवसर है।जिस किसी दल में भी भ्रष्ट,अपराधी, सांप्रदायिक व देशद्रोही तत्व पाया जाए उसके खिलाफ वोट के हथियार का इस्तेमाल होना चाहिए।
ध्यान रखिए ,जिस किसी दल यानी जिस किसी दल ! कोई अपवाद नहीं होना होना चाहिए।
2.-घोटाले की रकम लगभग 80 हजार करोड़ रुपए
3.-अल्प आय वाले लाखों लोगों को अधिक मुनाफे
का लोभ देकर ये पैसे वसूले गए थे।
4.-पैसे वापस नहीं मिलने के कारण करीब 200 पीडि़तों ने आत्म हत्या कर ली
5.-घोटाले के पैसों की बंदरबाट नेताओं, अफसरों तथा अन्य प्रभावशाली लोगों के बीच हुई
6.-सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सी.बी.आई.जांच की आंच तेज होने पर देश के दर्जनों राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं द्वारा घोटालेबाजों के बचाव में शर्मनाक हरकतंे
7.-जब किसी देश की राजनीति में इतनी गिरावट व बेशर्मी आ जाती है तो किसी तानाशाह के पैदा हो जाने की आशंका बढ़ जाती है।
8.- पता नहीं लोकतांत्रिक मिजाज वाले इस देश की तकदीर में क्या लिखा हुआ है !
9.-पता नहीं हमारे तथाकथित नेतागण इस देश को कहां ले जाएंगे ! हालांकि नेताओं में अपवाद भी हैं।पर वे भ्रष्टों व देशद्रोहियों के सामने कमजोर पड़ते नजर आ रहे हैं।
10-ऐसे में उन लोगों पर देश को बचाने की अधिक जिम्मेदारी आन पड़ी है जो अपार निजी स्वार्थ, घनघोर जातिवाद व घृणित संप्रदायवाद से ऊपर होकर सोचते हैं।
अगला चुनाव एक अच्छा अवसर है।जिस किसी दल में भी भ्रष्ट,अपराधी, सांप्रदायिक व देशद्रोही तत्व पाया जाए उसके खिलाफ वोट के हथियार का इस्तेमाल होना चाहिए।
ध्यान रखिए ,जिस किसी दल यानी जिस किसी दल ! कोई अपवाद नहीं होना होना चाहिए।
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