बुधवार, 20 फ़रवरी 2019

कानून सिर्फ उन पूर्व मुख्य मंत्रियों के लिए बना 
होता जिनका प्रादेशिक राजधानी में अपना मकान 
न हो तो शायद अदालत ऐसी कार्रवाई नहीं करती।

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