सोमवार, 18 फ़रवरी 2019

  
  1966 में कश्मीर हित में इस्तीफा देने 
   वाले दूरदर्शी मंत्री महावीर त्यागी
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5 अगस्त, 1965 को जीती हुई हाजी पीर की चैकियों को
ताशकंद समझौते के तहत भारत सरकार ने जब पाकिस्तान को वापस करने का निर्णय  किया तो उसके विरोध में महावीर त्यागी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया था।
 दिवंगत त्यागी@1899-1980@ के अनुसार ‘हाजी पीर सैनिक दृष्टि से इतना महत्व का स्थान है कि जिस सेना का इस मोर्चे पर कब्जा होगा,उसे किसी भी हालत में हटाना संभव नहीं होगा।’
त्यागी ने यह भी लिखा है कि ‘केवल भारत के प्रतिरक्षा मंत्री पद का ही नहीं बल्कि मुझे प्रथम महा युद्ध के सैनिक की हैसियत से भी युद्ध के मोर्चों के कुछ निजी अनुभव हैं।’
 बाद के अनुभव बताते हैं कि पाकिस्तानी घुसपैठिए आम तौर पर हाजी पीर दर्रे के रास्ते ही कश्मीर में प्रवेश करते हैं।
कश्मीर को तबाह करते हैं।

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