गुरुवार, 28 फ़रवरी 2019

अपने पैर की बिवाई महसूसने के बाद चीन को अब भारत की पीर समझ में आ गई



चीनी विदेश मंत्रालय के एक सूत्र के मुताबिक बिजिंग इस्लामाबाद को यह साफ कर देना चाहता है कि पाकिस्तान भारत के साथ होने वाले किसी तरह के युद्ध में चीन से किसी तरह की सहायता की उम्मीद नहीं करे।
हमारा सहयोग सिर्फ आर्थिक विकास तक सीमित है।
   एक कहावत है,
‘जाके पैर न फटे बिवाई सो क्या जाने पीर पराई।’
चीन के शिनजियांग प्रांत के जेहादी मुसलमानों से पाला पड़ने पर चीन सरकार ने अपना रुख बदला है।
सन 2009 से चीन जेहादी आतंकवादी हिंसा का शिकार हो रहा है।
पर चीन एक ताकतवर देश है।इसलिए वह अपने ढंग से कड़ाई से आतंकवादी तत्वों से निपट रहा है।वहां भारत की तरह भीतरघातियों की भी नहीं चलती।
  चूंकि सवा दो करोड़ मुसलमानों वाले पश्चिमोत्तर प्रदेश शिनजियांग में  धारा 370 की कोई समस्या नहीं है,इसलिए चीन उस प्रदेश में गैर मुसलमानों यानी हान को बसा रहा है।
यदि 370 धारा होती भी तो वह उसे उलट देता।क्योंकि वह देश को ध्यान में रखता है न कि वोट बैंक को।
साथ ही, चीन सरकार हजारों जेहादी मुसलमानों को पेशेवर स्कूलों में भेज रही है ।वे  स्कूल आतंकवाद व कट्टरपंथ से लड़ना सिखाते हैं।
 कुछ लोग कह रहे हैं कि हजारों मुसलमानों को चीन सरकार गायब कर रही है।पर चीन सरकार कहती है कि वे अपनी मर्जी से उन स्कूलों में जा रहे हैं।
 पाकिस्तान पर  चीन का ताजा बयान परोक्ष रूप से अपने पुराने मित्र पाक को यह कड़ा संदेश दे रहा है कि वह अपने देश में चल रहे  आतंक के कारखानों को तत्काल बंद करे।
पूरी दुनिया में खलीफा का शासन कायम करने की कोशिश करने वाले आतंकियों को पाक अपने देश में शरण व संरक्षण न दे।
 भारत के लिए यह अनुकूल अवसर है।
अभी नहीं तो कभी नहीं ! 
अन्यथा, इस देश में यदि फिर कभी कोई पाक समर्थक सरकार आ गई तो ‘फिर बेताल उसी डाल पर’ होगा।
भारत सरकार पाक को यह कहने को मजबूर करे कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
 यदि ऐसा होता है तो भारत सरकार पाक को एक विकसित देश बनाने में मदद करे।आखिर कल तक  वहां के लोग  हमारे भाई ही तो थे !
  भारत और पाक की आर्थिक स्थिति  1947 मंे तो समान ही थी।
पर, अब एक तरफ भारत मंगल यान भेज रहा है और दूसरी ओर पाकिस्तान कश्मीर में घुसने की कोशिश कर रहा है।

  
  

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