ठग सम्राट् नटवर लाल ने करीब 50 साल तक ठगी की।उस पर 8 राज्यों में 100 से अधिक मुकदमे चले।
उसे कुल मिलाकर 113 साल की सजा हुई।वह 20 साल विभिन्न जेलों में रहा भी।
बुढापे के उसके फोटोग्राफ उपलब्ध हंै।उसकी लिवास की दशा देख कर लगता है कि उससे बेहतर आर्थिक हाल में तो आधुनिक नटवरलालों के दरबारी रहते हैं।
कुल मिला कर कितने रुपए ठगे होंगे नटवर लाल ने ?
आज के नटवरलालों की अपेक्षा
मूंगफली के बराबर !
नटवर न तो करोड़पति बन सका और न ही अरबपति।
इसके बावजूद उसकी न जाने कितनी बदनामी हुई।जीते जी वह संज्ञा से विशेषण हो गया था।
वह यह भी न कह सका कि ‘भेंडेटा’ यानी बदले की भावना के तहत मुझे और मेरे परिवार को परेशान किया जा रहा है।
यह भी वह कहां कह पाया था कि हम सत्ता में आएंगे तो
जांच एजेंंिसयों को नानी याद दिला देंगे।धर्म निरपेक्षता खतरे में है।
संविधान को बचाने की जरूरत है।
यदि इतना भी कह पाता कि देश में इमरजेंसी आ गया,लोकतंत्र खतरे में है और वाणी की स्वतंत्रता नहीं है तो शायद कहीं से कुछ राहत मिल जाती।
कोई अदालत उसे सात -आठ बार अग्रिम जमानत दे देती !
दूसरी ओर, आज के राजनीति,व्यापार व ब्ूयरोक्रेसी व एक हद तक मीडिया के कई नटवरलालों के हाल देख -सुन-जान लीजिए ।
यदि उसे धरती खास कर भारत के मौजूदा हाल का पता चल रहा होगा तो परलोक में नटवर सोच रहा होगा कि काश, हम सत्तर- अस्सी के दशक में ही पैदा होते तो कितना बेहतर रहता !
आखिर कुल मिलाकर कितने पैसे ठगे होंगे ओरिजनल नटवरलाल ने ! ?
और दूसरी ओर आज के नटवरलाल ........!
उसे कुल मिलाकर 113 साल की सजा हुई।वह 20 साल विभिन्न जेलों में रहा भी।
बुढापे के उसके फोटोग्राफ उपलब्ध हंै।उसकी लिवास की दशा देख कर लगता है कि उससे बेहतर आर्थिक हाल में तो आधुनिक नटवरलालों के दरबारी रहते हैं।
कुल मिला कर कितने रुपए ठगे होंगे नटवर लाल ने ?
आज के नटवरलालों की अपेक्षा
मूंगफली के बराबर !
नटवर न तो करोड़पति बन सका और न ही अरबपति।
इसके बावजूद उसकी न जाने कितनी बदनामी हुई।जीते जी वह संज्ञा से विशेषण हो गया था।
वह यह भी न कह सका कि ‘भेंडेटा’ यानी बदले की भावना के तहत मुझे और मेरे परिवार को परेशान किया जा रहा है।
यह भी वह कहां कह पाया था कि हम सत्ता में आएंगे तो
जांच एजेंंिसयों को नानी याद दिला देंगे।धर्म निरपेक्षता खतरे में है।
संविधान को बचाने की जरूरत है।
यदि इतना भी कह पाता कि देश में इमरजेंसी आ गया,लोकतंत्र खतरे में है और वाणी की स्वतंत्रता नहीं है तो शायद कहीं से कुछ राहत मिल जाती।
कोई अदालत उसे सात -आठ बार अग्रिम जमानत दे देती !
दूसरी ओर, आज के राजनीति,व्यापार व ब्ूयरोक्रेसी व एक हद तक मीडिया के कई नटवरलालों के हाल देख -सुन-जान लीजिए ।
यदि उसे धरती खास कर भारत के मौजूदा हाल का पता चल रहा होगा तो परलोक में नटवर सोच रहा होगा कि काश, हम सत्तर- अस्सी के दशक में ही पैदा होते तो कितना बेहतर रहता !
आखिर कुल मिलाकर कितने पैसे ठगे होंगे ओरिजनल नटवरलाल ने ! ?
और दूसरी ओर आज के नटवरलाल ........!
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