एक तरफ तो पाकिस्तान के भीतर के ही कुछ लोग पाक सरकार से यह सवाल कर रहे हंै कि हाफिज सईद,सैयद सलाउद्दीन और मौलाना मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों के लिए पूरे पाकिस्तान को खतरे में क्यों डाल रहे हो ?
उनको भारी खतरा इसलिए महसूस हो रहा है क्योंकि पाक न सिर्फ चीन की सहानुभूति-समर्थन खो चुका है बल्कि आर्गनाइजेशन आॅफ इस्लामिक कोआॅपरेशन की बैठक में सुषमा स्वराज को बतौर ‘गेस्ट आॅफ आॅनर’ बुलाया गया है।इसके विरोध स्वरूप पाक को उस बैठक का बहिष्कार करना पड़ रहा है।
पाक सरकार के सामने ऐसी नौबत लाने में भारत सरकार की मुख्य भूमिका रही है।ऐसा पहली बार हो रहा है।
पर, दूसरी ओर भारत के कुछ प्रतिपक्षी नेता व कतिपय बुद्धिजीवी गण भारत सरकार को ही परेशानी डालने की तरह- तरह की कोशिशें कर रहे हैं ।जबकि, किसी देश के लिए यह नाजुक घड़ी होती है।
इसे आम जनता किस रूप में लेगी ?
उनको भारी खतरा इसलिए महसूस हो रहा है क्योंकि पाक न सिर्फ चीन की सहानुभूति-समर्थन खो चुका है बल्कि आर्गनाइजेशन आॅफ इस्लामिक कोआॅपरेशन की बैठक में सुषमा स्वराज को बतौर ‘गेस्ट आॅफ आॅनर’ बुलाया गया है।इसके विरोध स्वरूप पाक को उस बैठक का बहिष्कार करना पड़ रहा है।
पाक सरकार के सामने ऐसी नौबत लाने में भारत सरकार की मुख्य भूमिका रही है।ऐसा पहली बार हो रहा है।
पर, दूसरी ओर भारत के कुछ प्रतिपक्षी नेता व कतिपय बुद्धिजीवी गण भारत सरकार को ही परेशानी डालने की तरह- तरह की कोशिशें कर रहे हैं ।जबकि, किसी देश के लिए यह नाजुक घड़ी होती है।
इसे आम जनता किस रूप में लेगी ?
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