सोमवार, 13 अगस्त 2018

 मेरे एक मित्र ने मुझे एक सुझाव दिया है।उन्होंने कहा कि आप एक डायरी अलग से रख लीजिए।यह चुनाव वर्ष है।सन 2019 के लोस चुनाव के लिए देश की राजनीति गरमा रही है।
  राजनेताओं से अधिक बुद्धिजीवी वर्ग बौद्धिक रूप से इस मुद्दे पर सक्रिय हैं।वे अपनी-अपनी सुविधा और विचार धारा के अनुसार भविष्यवाणियां करने लगे हैं।कुछ लोगों को तो यह भी लगता है कि 2019 का लोस चुनाव आजादी की लड़ाई से भी अधिक महत्वपूर्ण ‘जंग’ साबित होने वाला है। 
  उनकी भविष्यवाणियों को अपनी डायरी में तारीखवार नोट करते जाइए।
 चुनाव के बाद के रिजल्ट से उन भविष्यवाणियों को मिलाइए।
उसके बाद तय कीजिए कि आप उन बुद्धिजीवियों के लेखन और टी.वी.- भाषण पर आगे भी अपना कितना वक्त जाया करना चाहते हैं।
  मैंने उनसे कहा कि मैं तो भाई चुनावी भविष्यवाणी के लिए राजदीप सरदेसाई पर निर्भर रहूंगा।क्योंकि उन्होंने उत्तर प्रदेश 
विधान सभा चुनाव,गुजरात विधान सभा चुनाव और कर्नाटका विधान सभा चुनाव नतीजों को लेकर लगभग सटीक भविष्यवाणी की थी। 

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