अटल बिहारी वाजपेयी 1977-79 में मोरारजी देसाई मंत्रिमंडल के सदस्य थे।
विदेश मंत्री थे।
पर सत्ताधारी जनता पार्टी यह चाहती थी कि अटल जी सरकार को छोड़कर पार्टी का काम करें।
उनके सौम्य स्वभाव और बेजोड़ वक्ता होने का लाभ पार्टी उठाना चाहती थी।
पर 1978 की जुलाई में जनता पार्टी संसदीय दल के महा सचिव दिग्विजय नारायण सिंह ने घोषणा कर दी कि प्रधान मंत्री, अटल जी को पार्टी के काम के लिए मुक्त करने के पक्ष में नहीं हैं।
दरअसल विदेश मंत्री के रूप में भी अटल जी इतने व्यस्त रहते थे कि उन दिनों एक बार किसी प्रतिपक्षी नेता ने विनोद पूर्ण ढंग से कहा था कि ‘अटल बिहारी वाजपेयी इन दिनों भारत के दौरे पर आए हैं ।’
विदेश मंत्री थे।
पर सत्ताधारी जनता पार्टी यह चाहती थी कि अटल जी सरकार को छोड़कर पार्टी का काम करें।
उनके सौम्य स्वभाव और बेजोड़ वक्ता होने का लाभ पार्टी उठाना चाहती थी।
पर 1978 की जुलाई में जनता पार्टी संसदीय दल के महा सचिव दिग्विजय नारायण सिंह ने घोषणा कर दी कि प्रधान मंत्री, अटल जी को पार्टी के काम के लिए मुक्त करने के पक्ष में नहीं हैं।
दरअसल विदेश मंत्री के रूप में भी अटल जी इतने व्यस्त रहते थे कि उन दिनों एक बार किसी प्रतिपक्षी नेता ने विनोद पूर्ण ढंग से कहा था कि ‘अटल बिहारी वाजपेयी इन दिनों भारत के दौरे पर आए हैं ।’
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