कई साल पहले की बात है।बंगला देशी घुसपैठ समस्या
पर एक टी.वी.चैनल पर चर्चा चल रही थी।
एक तरफ शिव सेना के एक सांसद थे और दूसरी तरफ
भारत के एक पूर्व विदेश सचिव।
जब शिव सेना के सांसद ने कहा कि पूरी सीमा पर कंटीले तार लगाए जाने चाहिए तो पूर्व विदेश सचिव ने कहा कि ऐसा होने से पूरी दुनिया में भारत की छवि खराब हो जाएगी।
इस पर शिव सेना सांसद ने तल्खी से उनसे पूछा कि ‘जनाब ,आप भारत के विदेश सचिव थे या बंगला देश के ?’
यदि मैं खुद नहीं सुन रहा होता तो मुझे इस डायलाॅग पर विश्वास ही नहीं होता कि एक विदेश सचिव रह चुका व्यक्ति ऐसी बात कर सकता है।पर क्या कीजिएगा ?
उस अफसर को तत्कालीन राजनीतिक कार्यपालिका ने यही पाठ पढ़ाया था ताकि वोट बैंक में इजाफा हो सके।
दोनों पात्र अभी जीवित हैं। काश ! वे मेरा पोस्ट पढ़ पाते।
पर एक टी.वी.चैनल पर चर्चा चल रही थी।
एक तरफ शिव सेना के एक सांसद थे और दूसरी तरफ
भारत के एक पूर्व विदेश सचिव।
जब शिव सेना के सांसद ने कहा कि पूरी सीमा पर कंटीले तार लगाए जाने चाहिए तो पूर्व विदेश सचिव ने कहा कि ऐसा होने से पूरी दुनिया में भारत की छवि खराब हो जाएगी।
इस पर शिव सेना सांसद ने तल्खी से उनसे पूछा कि ‘जनाब ,आप भारत के विदेश सचिव थे या बंगला देश के ?’
यदि मैं खुद नहीं सुन रहा होता तो मुझे इस डायलाॅग पर विश्वास ही नहीं होता कि एक विदेश सचिव रह चुका व्यक्ति ऐसी बात कर सकता है।पर क्या कीजिएगा ?
उस अफसर को तत्कालीन राजनीतिक कार्यपालिका ने यही पाठ पढ़ाया था ताकि वोट बैंक में इजाफा हो सके।
दोनों पात्र अभी जीवित हैं। काश ! वे मेरा पोस्ट पढ़ पाते।
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