मंगलवार, 13 नवंबर 2018



1.-बिक्रेता सब्जियों की ताजगी बरकरार रखने अथवा उनके परिरक्षण के लिए उन्हें कीटनाशकों में डूबोते हैं।
तेलों और मिठाइयों में वर्जित पदार्थों की मिलावट की जाती है।
2.-सब्जियों और दूसरे खाद्य पदार्थ को धोना फायदेमंद है।लेकिन पकाने से विषैले अवशेष बिरले ही खत्म होते हैं।निगले जाने के बाद छोटी आंत कीटनाशकों को सोख लेती हैं।
3.-शरीर भर में फैले बसायुक्त उत्तक इन कीटनाशकों को जमा कर लेते हैं।इनसे दिल,दिमाग,गुर्दे और जिगर सरीखे अहम अंगों को नुकसान पहुंच सकता है।
--इंडिया टूडे हिंदी-15 जून, 1989
4.-कई साल पहले भारत की  संसद में यह कहा गया कि अमेरिका की अपेक्षा हमारे देश में तैयार हो रहे कोल्ड ड्रिंक में 
रासायनिक कीटनाशक दवाओं का प्रतिशत काफी अधिक है ।इस पर  सरकार ने कह दिया कि यहां कुछ अधिक की अनुमति है।
5.-यह तब की बात है जब प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी  थे।पटना हवाई अड्डे पर  जो बोतलबंद पानी उन्हें परोसा जाने वाला था,वह अशुद्ध पाया गया था।ऐसी ही घटना  मनमोहन सिंह के साथ कानपुर में हुई थी जब वे प्रधान मंत्री के रूप में वहां यात्रा पर गए थे।
यानी प्रधान मंत्री भी नहीं बच पा रहे हैं।
  हाल की खबर है कि इस देश में बिक रहे 85  प्रतिशत दूध मिलावटी है।जितने दूध का उत्पादन नहीं है,उससे अधिक की आपूत्र्ति हो रही है।  
6.-सवाल है कि इस देश में अन्य कौन सा खाद्य व भोज्य पदार्थ कितना शुद्ध है ?
यह जानलेवा समस्या बहुत पुरानी है।
विभिन्न सरकारें लोक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए क्या -क्या करती हंै ? कितने दोषियों को हर साल सजा हो पाती है ?
मिलावट का यह कारोबार जारी रहा तो कुछ दशकों के बाद हमारे यहां कितने स्वस्थ व कितने अपंग बच्चे पैदा होंगे ?
पीढि़यों के साथ इस  खिलवाड़ को आप क्या कहेंगे ?क्या सबके मूल मंे भष्टाचार नहीं है ?   



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