गुरुवार, 22 नवंबर 2018

 बिहार विधान परिषद के स्मोकिंग रूम को कभी जीवंत बनाए रखने वाले कमलनाथ सिंह ठाकुर नहीं रहे।
 हाजिर जवाबी और अपनी विनोद प्रियता के लिए चर्चित प्रतिभाशाली कमलनाथ जी के निधन की खबर मैंने सिर्फ एक अखबार में देखी।
कभी पत्रकारों की सूचनाओं के प्रमुख स्त्रोत रहे ठाकुर जी के निधन की खबर इस तरह आज सुबह कम ही लोगों तक पहुंच सकी ।
  वैसे कई बार यही हाल उन खबरों का भी होता है जब अपने जमाने के किसी नामी-गिरामी व प्रभावशाली पत्रकार या संपादक का निधन होता है।
  विधान परिषद के सदस्य व ‘ममता गावे गीत’ फिल्म के कलाकार रहे कमलनाथ जी सुदर्शन व्यक्तित्व के धनी थे।
दरभंगा महाराज शुभेश्वर सिंह के करीबी रहे कमलनाथ जी कभी डा.जगन्नाथ मिश्र के भी प्रियपात्र थे।हालांकि बाद के दिनों में वैसा संबंध उनसे नहीं रहा।
एक बार स्मोकिंग रूम में कमलनाथ जी और इंद्र कुमार जी के बीच रोचक संवाद चल रहा था।
विधान परिषद के सदस्य रहे इंद्र कुमार कर्पूरी ठाकुर के उतने ही करीबी थे जितने जगन्नाथ जी के कमलनाथ।
इंद्र कुमार जी ने कहा कि ‘कमलनाथ जी, आप भी जगन्नाथ जी के बहुत करीबी रहे और मैं कर्पूरी जी के।पर न तो जगन्नाथ जी ने आपको मंत्री बनाया और न ही कर्पूरी जी ने मुझे।’
इस पर हाजिरजवाब व विनोदी कमलनाथ जी ने कहा कि ‘बना देता तो राज्य का बंटाधार ही न हो जाता !’ इस टिप्पणी पर पूरा हाॅल ठहाकों में डूब गया।
कमलनाथ जी में खुद का मजाक उड़ाने की भी क्षमता थी।इसलिए भी उनके पास बैठना कई लोगों को अच्छा लगता था।
  कमलनाथ जी से मेरी लंबी बातें हुआ करती थीं।उनकी प्रतिभा देख कर मुझे कभी-कभी लगता था कि जनहित में उसका उपयोग कम ही हो पाया । 
@21 नवंबर 2018@

  

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