फिक्की की ओर से जारी एक हालिया रपट में कहा गया है कि देश में अवैध और नकली उत्पादों के समानांतर कारोबार से उद्योगों को हर साल हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।
इससे न सिर्फ लाखों नौकरियां छिन रही हैं बल्कि सरकार को भी राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है।
अब सवाल है कि जब सरकारों को इसकी चिंता नहीं है तो उद्योग जगत ही अपने फायदे में कुछ कदम क्यों नहीं उठाता ?
उद्योग जगत ‘कारपोरेट सोशल रिस्पाॅल्सबलिटी’ के फंड में से अपने पेशेवर खुफिया तंत्र विकसित करे।सरकार से अनुमति लेकर वह स्टिंग आपरेशन भी चलाए।जिन उद्योगपतियों के पास मीडिया है,वे उन पर इसे चलवाएं।
उस खुफिया तंत्र व मीडिया की मदद से नक्कालों को पकड़कर सरकार के सामने खड़ा किए जाने से सरकार को भी शर्म आएगी।लोकलाज में मजबूर होगी।
कुछ साल पहले हमारीे संसद ने अपने 11 सदस्यों की सदस्यता समाप्त कर दी थी।
क्योंकि वे सांसद घूस लेते कैमरे पर पकड़े गए थे।कैमरे पर पकड़ लिए जाने पर लोकलाज में संसद से लेकर कई कार्रवाई करने को मजबूर हो जाते हैं।
इससे न सिर्फ लाखों नौकरियां छिन रही हैं बल्कि सरकार को भी राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है।
अब सवाल है कि जब सरकारों को इसकी चिंता नहीं है तो उद्योग जगत ही अपने फायदे में कुछ कदम क्यों नहीं उठाता ?
उद्योग जगत ‘कारपोरेट सोशल रिस्पाॅल्सबलिटी’ के फंड में से अपने पेशेवर खुफिया तंत्र विकसित करे।सरकार से अनुमति लेकर वह स्टिंग आपरेशन भी चलाए।जिन उद्योगपतियों के पास मीडिया है,वे उन पर इसे चलवाएं।
उस खुफिया तंत्र व मीडिया की मदद से नक्कालों को पकड़कर सरकार के सामने खड़ा किए जाने से सरकार को भी शर्म आएगी।लोकलाज में मजबूर होगी।
कुछ साल पहले हमारीे संसद ने अपने 11 सदस्यों की सदस्यता समाप्त कर दी थी।
क्योंकि वे सांसद घूस लेते कैमरे पर पकड़े गए थे।कैमरे पर पकड़ लिए जाने पर लोकलाज में संसद से लेकर कई कार्रवाई करने को मजबूर हो जाते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें