शनिवार, 16 मार्च 2019

किसके राज में कितना घिसा एक रुपया ? !
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भावुक हृदय प्रधान मंत्री राजीव गांधी 1985 में सूखाग्रस्त- -अकालग्रस्त कालाहांडी @ओडिशा@की यात्रा पर थे।
वहां की भीषण गरीबी देख कर राजीव ने सार्वजनिक रूप से एक नंगा सच कह दिया था।
उन्होंने कहा था कि 
‘सरकार जो हर एक रुपया खर्च करती है,उसमें से सिर्फ 15 पैसे ही जरूरतमंदों तक पहुंच पाते हैं।’
  ऐसा कह कर राजीव गांधी किस पूर्ववर्ती प्रधान मंत्री या किस सरकार की विफलताओं पर टिप्पणी कर रहे थे ?
  100 पैसे को घिसकर पंद्रह पैसे बना देने के लिए लाल बहादुर शास्त्री कितना जिम्मेवार थे और  मोरारजी देसाई कितना ?
 या फिर जवाहरलाल नेहरू या इंदिरा गांधी कितना जिम्मेवार थे ?
1947 से 1984 तक 37 साल होते हैं।इसमें से  जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने कुल मिलाकर 33 साल देश पर राज किया।
अब नेहरू-इंदिरा भक्तों को यह बताना चाहिए  कि इस गरीब देश के किसके राज में एक रुपया कितना घिसा ?
 याद रहे कि घिसने का मुख्य कारण भ्रष्टाचार है।
अमीर देश का भ्रष्टाचार सुख- सुविधाएं कम करता है,पर भारत जैसे गरीब देश का भ्रष्टाचार मौत लाता है।देश को असुरक्षित बनाता है।  
  वैसे इन बातों के बावजूद मैं यह मानता हूं कि इस देश में जितने भी प्रधान मंत्री हुए,सबने अपने -अपने ढंग से देश को बनाने - बिगाड़ने में अपना योगदान किया।
इन में से कुछ ने बनाया अधिक और बिगाड़ा कम ।तो कुछ अन्य ने बिगाड़ा अधिक और बनाया कम।
उसी के अनुसार इतिहास उन नेताओं के साथ यथायोग्य व्यवहार करे तो बेहतर रहेगा। इससे परे जो टिप्पणियां आती रहती हैं,उन्हें एक पक्ष या दूसरे पक्ष के ‘भक्तों’ या ‘गोदी मीडिया’ की टिप्पणियां ही मानी जाएंगी। 
 भक्त दोनों तरफ हैं तो गोदियां भी।

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