सोमवार, 4 मार्च 2019

 राजनीतिक तथा अन्य तरह के तनावों की इस घड़ी में 
सोशल मीडिया में पर्याप्त संयम बरतते रहने की जरूरत है।
यदि किसी व्यक्ति का
विचार आपके विचार से अलग है तो उस पर आपको या हमको एतराज क्यों होना चाहिए ?
  उसे विचार प्रकट करने दीजिए।
हां,कहीं यदि तथ्यों,सूचनाओं और आंकड़ों के मामले में गलतियां लगें तो शालीनता से इंगित भर कर दीजिए।
लोकतंत्र तो यही है । हजार फूल खिलने दो।
यदि फूल असली है तो सुगंधित होगा।यदि फूल कागज का है तो वह जाने और उसका काम जाने !
हां, देश के संविधान-कानून के दायरे में ही रह कर कुछ भी हो।
  

कोई टिप्पणी नहीं: