राजनीतिक तथा अन्य तरह के तनावों की इस घड़ी में
सोशल मीडिया में पर्याप्त संयम बरतते रहने की जरूरत है।
यदि किसी व्यक्ति का
विचार आपके विचार से अलग है तो उस पर आपको या हमको एतराज क्यों होना चाहिए ?
उसे विचार प्रकट करने दीजिए।
हां,कहीं यदि तथ्यों,सूचनाओं और आंकड़ों के मामले में गलतियां लगें तो शालीनता से इंगित भर कर दीजिए।
लोकतंत्र तो यही है । हजार फूल खिलने दो।
यदि फूल असली है तो सुगंधित होगा।यदि फूल कागज का है तो वह जाने और उसका काम जाने !
हां, देश के संविधान-कानून के दायरे में ही रह कर कुछ भी हो।
सोशल मीडिया में पर्याप्त संयम बरतते रहने की जरूरत है।
यदि किसी व्यक्ति का
विचार आपके विचार से अलग है तो उस पर आपको या हमको एतराज क्यों होना चाहिए ?
उसे विचार प्रकट करने दीजिए।
हां,कहीं यदि तथ्यों,सूचनाओं और आंकड़ों के मामले में गलतियां लगें तो शालीनता से इंगित भर कर दीजिए।
लोकतंत्र तो यही है । हजार फूल खिलने दो।
यदि फूल असली है तो सुगंधित होगा।यदि फूल कागज का है तो वह जाने और उसका काम जाने !
हां, देश के संविधान-कानून के दायरे में ही रह कर कुछ भी हो।
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