मंगलवार, 26 मार्च 2019

टाइम्स आॅफ इंडिया की विश्वसनीयता
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एक विदेशी आकलन के अनुसार विश्वसनीयता की दृष्टि से 
टाइम्स आॅफ इंडिया इस देश का सर्वाधिक विश्वसनीय 
अंग्रेजी अखबार है।
  यह अखबार ऐसा ही रहा भी है।
हां, एक अपवाद जरूर रहा।
आर.के.डालमिया जब इसके मालिक थे तो प्रधान मंत्री की इस अखबार से शिकायत थी।जवाहर लाल नेहरू इस अखबार को अपने यहां नहीं मंगाते थे।इलेस्ट्रेड वीकली भी नहीं।
पर शांति प्रसाद जैन के मालिकाना के साथ ही यह मध्यमार्गी व विश्वसनीय अखबार माना जाने लगा।आज भी इसकी बड़ी इज्जत है।नौकरी की तलाश में लगे किसी भी पेशेवर पत्रकार की यह ग्रूप पहली पसंद होता है।
  कई बार कुछ अखबार किसी अभियान में लग जाते हैं।आज भी कुछ लगे हुए हैं।
कभी- कभी कोई अभियान अच्छा लगता है।
पर, भरोसा तो मैं टा.आ.इंडिया पर ही करूंगा।
अपने देश में एक अंग्रेजी अखबार है जिसके न्यूज आइटम की हेडिंग में भी आप संपादकीय पढ़ सकते हैं।
एक दूसरा अखबार है जो किसी सरकार को गिराने या बचाने की जिम्मेदारी खुद ही उठा लेता है।उस काम में भी बहुत लोगों को मजा आता है।आना भी चाहिए।कोई हर्ज नहीं।
लोकतंत्र है।सबके लिए यहां जगह है।
पर एक ऐसा अखबार भी तो हो जो लगे कि ‘पंच परमेश्वर’ की भूमिका निभा रहा है।  

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