शनिवार, 23 मार्च 2019

ताजा खबर है कि जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फं्रट पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया।
 यानी, अब तक उस पर प्रतिबंध नहीं था।
जो संगठन हथियारों के बल पर एक राज्य को लिबरेट करने के लिए सक्रिय हो या ‘जेहाद’ का समर्थक हो,उस पर प्रतिबंध लगाने में इतनी देरी ?
जेहादियों के साथ किसी देश को कैसा व्यवहार करना चाहिए,यह कोई चीन से सीखे।
  खैर, इस देश में  अभी और कई सवालों का हल होना बाकी  है।
सवाल यह है कि ऐसे ‘लश्करों’ से अघोषित युद्ध में पहली गोली कौन चलाए ?
इशरत जहां गिरोह चलाए या गुजरात पुलिस ?
इस देश को टुकड़े -टुकड़े करने की कोशिश में लगी बाहरी-भीतरी शक्तियों के अघोषित युद्ध को घोषित युद्ध में कब बदला जाएगा ? जब काफी देर हो चुकी होगी ?
याद रहे कि किसी युद्ध के मैदान में इस बात का ध्यान नहीं रखा जाता कि पहली गोली किसने चलाई।
@ 23 मार्च 2019@

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