चाणक्य ने कहा था,
‘वेश्याएं निर्धनों के साथ नही रहतीं,
नागरिक कमजोर संगठन का समर्थन नहीं करते
और पक्षी उस पेड़ पर घोंसला नहीं बनाते
जिस पर फल न हो।’
‘वेश्याएं निर्धनों के साथ नही रहतीं,
नागरिक कमजोर संगठन का समर्थन नहीं करते
और पक्षी उस पेड़ पर घोंसला नहीं बनाते
जिस पर फल न हो।’
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