सी.पी.आई.और कांग्रेस के नेतागण बिहार में वर्षों तक लालू-राबड़ी की सरकार का समर्थन करते रहे।
कोई संवाददाता तब इन दलों के नेताओं से जब पूछता था कि आप ऐसी सरकार का समर्थन क्यों कर रहे हैं जिस पर घोटालों -महा घोटालों के अनेक आरोप हैं और पटना हाईकोर्ट कहता है कि यहां जंगल राज है ?
इसके जवाब में बड़े आत्म विश्वास के साथ कांग्रेस-कम्यनिस्ट नेतागण कहा करते थे कि हम साम्प्रदायिक शक्तियों यानी भाजपा को बिहार में सत्ता में आने से रोकने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
पर हुआ क्या ?
पर,वे भाजपा को सत्ता में आने से रोक नहीं सके।इतना ही नहीं, उल्टे इस क्रम में ये दल खुद भी इतना कमजोर हो गए कि आज इन दो दलों के नेतागण लोकसभा की सीट के लिए रांची का दौरा पर दौरा कर रहे हैं।
लालू प्रसाद के समक्ष याचक बने हुए हैं।
फिर भी कांग्रेस व कम्युनिस्ट अब भी यह नहीं जान-समझ पाए हैं कि ‘साम्प्रदायिक शक्तियों’ यानी भाजपा को सत्ता में आने से कैसे रोका जा सकता है।
शायद आगे भी नहीं समझ पाएंगे।
कोई संवाददाता तब इन दलों के नेताओं से जब पूछता था कि आप ऐसी सरकार का समर्थन क्यों कर रहे हैं जिस पर घोटालों -महा घोटालों के अनेक आरोप हैं और पटना हाईकोर्ट कहता है कि यहां जंगल राज है ?
इसके जवाब में बड़े आत्म विश्वास के साथ कांग्रेस-कम्यनिस्ट नेतागण कहा करते थे कि हम साम्प्रदायिक शक्तियों यानी भाजपा को बिहार में सत्ता में आने से रोकने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
पर हुआ क्या ?
पर,वे भाजपा को सत्ता में आने से रोक नहीं सके।इतना ही नहीं, उल्टे इस क्रम में ये दल खुद भी इतना कमजोर हो गए कि आज इन दो दलों के नेतागण लोकसभा की सीट के लिए रांची का दौरा पर दौरा कर रहे हैं।
लालू प्रसाद के समक्ष याचक बने हुए हैं।
फिर भी कांग्रेस व कम्युनिस्ट अब भी यह नहीं जान-समझ पाए हैं कि ‘साम्प्रदायिक शक्तियों’ यानी भाजपा को सत्ता में आने से कैसे रोका जा सकता है।
शायद आगे भी नहीं समझ पाएंगे।
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