‘लगता है जैसे कि महात्मा गांधी के तीन बंदरों
ने योजना बनाकर हमें मोबाइल थमा दिया है, जिसके हाथ में होने पर , ना तो हम किसी से बात करते हैं ,ना किसी की ओर देखते हैं ना ही किसी को सुनने की जहमत उठाते हैं।’
--हर्ष गोयनका, उद्योगपति
ने योजना बनाकर हमें मोबाइल थमा दिया है, जिसके हाथ में होने पर , ना तो हम किसी से बात करते हैं ,ना किसी की ओर देखते हैं ना ही किसी को सुनने की जहमत उठाते हैं।’
--हर्ष गोयनका, उद्योगपति
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