रविवार, 24 मार्च 2019

अल्लाह के नाम पर कम से कम 55 सीट तो दे दे !!
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 पिछले लोक सभा चुनाव में कांग्रेस को इतनी भी सीटें नहीं 
मिल सकी थीं ताकि खड़गे साहब को प्रतिपक्ष के नेता का पूर्ण दर्जा मिल सके।
 खुदा करे , अगली बार किसी दल के साथ ऐसी दुर्घटना न हो।चाहे जो दल ‘मुख्य प्रतिपक्षी दल’ बने।
जनता को चाहिए कि उसे कम से कम 55 सीटें तो दे ही दे। ताकि, उसे  महत्वपूर्ण बैठकों में वोट देने का अधिकार हो।
लोकपाल की  चयन कमेटी की हाल की बैठक में भी खड़गे साहब शामिल नहीं हुए थे।
उससे पहले सी.बी.आई.निदेशक,सी.वी.सी. जैसे पदों पर तैनाती के लिए बुलाई गई बैठक में भी वे नहीं जा सके थे।
यह सब ठीक नहीं लगता। 
जाते।बाहर आकर कह देते कि मेरी बात नहीं मानी गई।
कम से कम ऐसी बैठकांे और महत्वपूर्ण पदों की बहाली के फैसलों में देर तो नहीं होती।
हां,बैठक में न शामिल होने का एक राजनीतिक फायदा जरूर है।
सरकार आपकी उपस्थिति की प्रतीक्षा लंबे समय तक करती रहे और आप जनता  को इस बीच बताते रहें कि ‘लोकपाल की नियुक्ति में सरकार देर कर रही है।कुछ दाल में काला जरूर है।’

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