राफेल मामले में
कपिल सिब्बल होशियार निकले।
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मशहूर वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने 2 सितंबर 2018 को ही कह दिया था कि राफेल से संबंधित जरूरी दस्तावेज मिलने पर ही मैंं उस मामले में अदालत में याचिका दायर करूंगा।
सिब्बल ने खोजा।पर जब नहीं मिला तो उन्होंने याचिका दायर नहीं की।
पर,राहुल गांधी,यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी जैसे अधीर नेता इस मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते रहे।
मीडिया का एक हिस्सा भी उस अभियान में शामिल रहा।
अंततः सुप्रीम कोर्ट ने आज कह दिया कि राफेल मामले की जांच की जरूरत नहीं।
राहुल गांधी को पहले ही माफी मांगनी पड़ गई थ़ी।
अदालत ने राहुल को आज चेताया भी।उनकी माफी मंजूर की।
उम्मीद है कि सिन्हा और शौरी शर्माए होंगे।
मीडिया के उस हिस्से की साख में कमी आई।
कुछ को तो सरकारी विज्ञापन का भी घाटा उठाना पड़ा।
दूसरी ओर सरकारी पक्ष का मनोबल बढ़ा।
अब कांग्रेस के कुछ लोग कह रहे हैं कि बोफर्स में भी तो राजीव गांधी को क्लीन चीट मिल गई थी।
पर यह एक और ‘कांग्रेसी झूठ’ है।क्लीन चिट सिर्फ हाईकोर्ट से मिली थी।
बोफर्स तोप खरीद घोटाला मामले को तो कांग्रेस सरकार ने तार्किक परिणति न्यायिक परिणति तक पहुंचने ही नहीं दिया।सुप्रीम कोर्ट में मामला जाने ही नहीं दिया।
उस संबंध में अब भी लोकहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
इस बीच दलाल विन चड्ढ़ा के मुम्बई स्थित फ्लैट को आयकर महकमे ने इसी माह नीलामी पर चढ़ा दिया।
याद रहे कि 2010 में यानी मनमोहन सिंह के कार्यकाल में ही आयकर न्यायाधिकरण ने कहा था कि क्वात्रोचि और विन चड्ढ़ा को बोफर्स सौदे में 41 करोड़ रुपए की दलाली मिली थी।
उस पर भारत सरकार के आयकर महकमा का टैक्स बनता है।
उसी सिलसिले में नीलामी हुई।
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